शनि एक साथ पांच राशियों पर सीधा प्रभाव डालता

एक समय में शनि की तीन राशियों पर साढ़ेसाती और दो राशियों पर ढैय्या चलती है. शनिदेव का स्वभाव क्रूर माना गया है.

इसी वजह से अधिकांश लोगों को साढ़ेसाती और ढैय्या में कड़ी मेहनत करनी होती है.

जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ फल देने वाला होता है उसे किसी भी कार्य में आसानी से सफलता प्राप्त नहीं होती है. इसके साथ राहु-केतु भी बुरा प्रभाव डालते हैं.

पिता-पुत्र में अक्सर वाद-विवाद होता रहता है. परिवार में भी अशांति बनी रहती है और इसी वजह से व्यक्ति को मानसिक तनाव झेलना पड़ता है. साढ़ेसाती और ढैय्या के समय इस प्रकार की परेशानियां और अधिक बढ़ जाती हैं.

शनिदेव के बुरे प्रभावों से निजात पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. ज्योतिष के अनुसार शनिवार शनिदेव की आराधना के लिए खास दिन माना गया है. इस दिन शनि के निमित्त पूजन-कर्म करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.

शनिवार को स्नान के संबंध में खास नियम बताया गया है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद पूरे शरीर पर तेल लगाएं. तेल की मालिश करें. इसके बाद नहाने के पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें.

स्नान के बाद एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर यह तेल शनिदेव को अर्पित कर दें या किसी ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को दान कर दें.

ऐसा करने पर कुछ ही दिनों में लाभ प्राप्त होने लगेगा. धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाएंगी. इसके साथ ही घर-परिवार की समस्याओं से भी आजादी मिल जाएगी.