नई दिल्ली, 5 मई . कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया है. जिसके बाद सभी तरह की वायु सेवाओं का बंद कर दिया गया था. जिस कारण विदेशों में बड़ी संख्या में भारतीय फंस गये थे, लेकिन केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे 14,800 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सात से 13 मई तक 64 उड़ानें संचालित करने का निर्णय लिया है.
अधिकारियों ने बताया कि इन विशेष उड़ानों का संचालन एअर इंडिया और उसकी सहायक एअर इंडिया एक्सप्रेस करेगी. वे 12 देशों-संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से भारतीयों को वतन वापस लेकर आएंगी. भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन है जिसे 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस दौरान सभी वाणिज्य उड़ानों का संचालन बंद है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि वह ऐसे भारतीयों को स्वदेश वापसी में सुविधा देगा जिनमें कोरोना वायरस महामारी के कोई लक्षण नहीं है. वह सात मई से चरणबद्ध तरीके से विमानों और नौसेनिक जहाजों के जरिए उन्हें वापस लेकर आएगा, जिसके लिए भुगतान करना होगा.
अधिकारियों ने बताया कि सात से 13 मई के बीच, भारत, यूएई के लिए 10, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए सात-सात, सऊदी अरब के लिए पांच, सिंगापुर के लिए पांच और कतर के लिए दो उड़ाने संचालित कर सकता है. अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश और मलेशिया सात-सात उड़ाने जाने की संभावना है, जबकि कुवैत और फिलीपींस के लिए पांच-पांच उड़ानों का संचालन हो सकता है. इसके अलावा ओमान और बहरीन के लिए दो-दो उड़ानों का संचालन हो सकता है.
स्वदेश वापसी की 64 उड़ानों में से केरल से 15, दिल्ली और तमिलनाडु से 11-11, महाराष्ट्र और तेलंगाना से सात-सात और शेष पांच अन्य राज्यों से संचालित होंगी. अधिकारियों ने बताया कि सात दिवसीय अवधि के दौरान इन 64 उड़ानों के माध्यम से लगभग 14,800 भारतीय नागरिकों के देश में लौटने की संभावना है. सरकार 13 मई के बाद स्वदेश वापसी के लिए और उड़ानों का संचालन करेगी.
कोरोना वायरस के कारण संयुक्त अरब अमीरात में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 7 मई को दो विशेष उड़ानों का परिचालन किया जाएगा. दुबई में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने यह घोषणा की है. अबु धाबी से कोच्चि और दुबई से कोझिकोड तक की इन दो उड़ानों के लिए यात्रियों की सूची पर अंतिम निर्णय दुबई में भारतीय दूतावास और भारतीय महावाणिज्य दूतावास लेंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया कि वापस जाने के लिए करीब 2,00,000 पंजीकरण कराए गए हैं इसलिए सभी लोगों को इन विमानों में जगह दे पाने में समय लगेगा.