
चंडीगढ़ 17 दिसम्बर:
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाले पंजाब मंत्रीमंडल ने आज पटियाला के रखड़ा में बंद पड़ी सहकारी चीनी मिल में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आई.ओ.सी.एल.) द्वारा एक कम्प्रैसड बायो गैस (सी.बी.जी.) प्लांट स्थापित करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
शूगरफैड के सहयोग से तैयार किये जा रहे इस प्लांट में बायो गैस के उत्पादन के लिए धान की पराली का प्रयोग किया जायेगा जिससे पराली जलाने के मामलों में गिरावट आयेगी और यह जैविक खाद के उत्पादन द्वारा मिट्टी की उर्वरकता को भी बढ़ाएगा।
मंत्रीमंडल ने कम्प्रैसड बायो गैस प्लांट की स्थापना के लिए आई.ओ.सी.एल. को मुहैया करवाई जाने वाली बंद चीनी मिल की 25 एकड़ या इससे अधिक ज़मीन के सम्बन्ध में लैंड लीज़ समझौते समेत सभी नियमों और शर्तों का निपटारा करने के अधिकार भी सहकारिता मंत्री को सौंपे दिए हैं। सहकारिता मंत्री को मुख्यमंत्री की मंज़ूरी के साथ लीज़ के नियम और शर्तों बारे फ़ैसला लेने का अधिकार सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार स्थापित किये जाने वाले इस सी.बी.जी. प्लांट, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजग़ार के मौके पैदा होंगे, में 30 टन सी.बी.जी. (कम्प्रैसड बायो गैस) उत्पादन का सामथ्र्य होगा और इसका प्रति दिन फीड स्टॉक सामथ्र्य करीब 300 टन पराली का होगा। यह प्लांट लगभग 75,000 टन सालाना जैविक खाद भी पैदा करेगा।
इसके अलावा सी.बी.जी. के एक वातावरण-समर्थकीय ईंधन होने से इससे ग्रीन हाऊस गैस (जी.एच.जी.) का उत्सर्जन 98 प्रतिशत घटने की संभावना है। यह प्लांट जैविक ईंधनों पर निर्भरता को घटाने में सहायता करेगा और इस तरह सर्कुलर आर्थिकता को उत्साहित करने में बड़ा योगदान डालेगा।
कम्प्रैसड बायो गैस प्लांट खेतों में पराली जलाने के मामलों को घटाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिससे पंजाब में वायु प्रदूषण घटेगा और इसके साथ ही आम जन-जीवन के हालातों में भी सुधार होगा। इससे किसानों की बचत में इजाफा होने के साथ ही कार्बन तत्वों और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी।
इसके अलावा इस प्रस्तावित प्लांट से पैदा हुई कम्प्रैसड बायो गैस की बिक्री पर जी.एस.टी. के ज़रिये राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व हासिल होगा।
सहकारिता मंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में आई.ओ.सी.एल. ने बताया था कि पहले पड़ाव अधीन इस प्रोजैक्ट में 180 करुोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ धान की पराली और अन्य बायोमास से बायो गैस का उत्पादन करना शामिल होगा। आई.ओ.सी.एल. सहकारी सोसायटियों के द्वारा किसानों से धान की पराली की खरीद करेगा। धान की पराली की खरीद/सप्लाई की कीमतें आपसी बातचीत के बाद तय की जाएंगी।