दुश्मनी या दोस्ती : भारत और पाकिस्तान ने अपने एटमी संस्थानों की सूची साझा की

नई दिल्ली, 1 जनवरी ( पी 2 पी ): दुश्मनी वाले माहौल के बावजूद भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को अपने एटमी संस्थानों की सूची साझा की। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि यह सिलसिला पिछले 29 साल से चल रहा है। दोनों देश एक दूसरे के परमाणु संस्थानों और सुविधाओं पर हमला नहीं करने के समझौते के तहत यह लिस्ट साझा करते हैं। यह प्रक्रिया नई दिल्ली और इस्लामाबाद में कूटनीतिक माध्यमों से एक साथ पूरी की गई।

भारत-पाकिस्तान के बीच 31 दिसंबर 1988 को यह समझौता किया गया था। इसे 27 जनवरी 1991 को लागू किया गया था और पहली लिस्ट 1 जनवरी 1992 को साझा की गई थी। इसके बाद से हर साल 1 जनवरी को दोनों देश यह लिस्ट साझा करते हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच एटमी खतरे को लेकर भी समझौता है, जिसे 2017 में पांच साल के लिए बढ़ाया गया था। यह समझौता एटमी हथियारों से जुड़े हादसों का खतरा कम करने के लिए किया गया था। इस समझौते के तहत दोनों देश अपने क्षेत्र में एटमी हथियारों से हादसा होने पर एक-दूसरे को सूचना देंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि रेडिएशन की वजह से सीमा पार भी नुकसान हो सकता है। यह समझौता 21 फरवरी 2007 को लागू किया गया था। पहली बार इसे 2012 में पांच साल के लिए बढ़ाया गया था।

भारत-पाक ने एक दूसरे की जेलों में बंद नागरिकों और मछुआरों की सूची भी एक दूसरे को सौंपी है। इसके लिए दोनों देशों के बीच 2008 में समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देश हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को अपने यहां बंद एक दूसरे के नागरिकों की जानकारी साझा करते हैं। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को बताया है कि इसके 267 नागरिक और 97 मछुआरे भारत की जेलों में बंद हैं। पाकिस्तान को उसकी जेलों में बंद 14 भारतीय नागरिकों को कानूनी मदद देने की भी मांग की है।

इस बार यह लिस्ट ऐसे मौके पर साझा की गई है, जब दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। कश्मीर मुद्दे को वह संयुक्त राष्ट्र सहित दुनिया के अन्य मंचों पर उठा रहा है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर इस साल अगस्त से अक्टूबर के बीच 970 बार सीजफायर का उल्लंघन भी किया है। यहाँ तक कि आज , बुधवार को भी को भी पाकिस्तान ने सीमा पर गोलाबारी करके दो जवानों को शहीद कर दिया।