नई दिल्ली, 09 फरवरी । लाल किला हिंसा मामले में आरोपित दीप सिद्धू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीमों ने आरोपित लक्खा सिधाना और जुगराज सिंह की तलाश तेज कर दी है। पुलिस की कई टीमों टेक्निकल सर्विलांस के अलावा मुखबीरों की भी मदद ले रही है और दोनों की तलाश में दिल्ली समेत अन्य राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस के अधिकारी की मानें तो दोनों को जल्द कॉर्नर कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए लक्खा सिधाना और जुगराज सिंह दोनों ही लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। लाल किले पर झंडा फहराने वाले जुगराज की लोकेशन पुलिस को कुंडली के आसपास पता चली है। जिसके बाद उन इलाकों में रेड की जा रही है। हालांकि, 5 दिन पहले उसके पंजाब में छिपे होने के सुराग मिले थे और अब सिंघु बॉर्डर के पास उसकी आखिरी लोकेशन मिली है। दरअसल, आरोपित लक्खा सिधाना ने फेसबुक पर जो आखिरी लाइव किया था, उसकी लोकेशन सिंघु बॉर्डर के पास होने के सुराग मिले हैं।
उधर, पुलिस सूत्रों की मानें तो दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार दीप सिद्धू ने कई खुलासे किए हैं। पूछताछ में दौरान दीप सिद्धू ने दावा किया कि आंदोलन के दौरान वह भावुक होकर किसानों के साथ जुड़ गया था। हालांकि उसका किसी भी कट्टरपंथी संगठन से कोई ताल्लुक नहीं है। लेकिन 26 जनवरी को हुई हिंसा और तोड़-फोड़ के मामलों में हाथ होने की बात को उसने कबूल कर लिया है। उसने बताया कि अगस्त में जब किसान आंदोलन पंजाब में शुरू हुआ तो वह इसके प्रति आकर्षित हो गया था और वह विरोध स्थलों पर समर्थन जताने जाने लगा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दीप सिद्धू ने बताया कि वह 28 नवम्बर को किसानों के साथ दिल्ली पहुंचा। गणतंत्र दिवस परेड से कुछ दिन पहले सिद्धू ने अपने समर्थकों के साथ निर्धारित मार्ग को तोड़ने का फैसला किया। दीप सिद्धू ने तब अपने समर्थकों से कहा था कि वो वॉलंटियर के जैकेट चुराकर चकमा देंगे और रूट तोड़कर दिल्ली में दाखिल होगें।
यह भी खुलासा हुआ कि दीप सिद्धू ने अपने समर्थकों के साथ पहले ही यह प्लान बना लिया था कि वह लाल किले के साथ ही इंडिया गेट तक भी पहुंचने की कोशिश करेगा। उसका मकसद गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को खराब करना और विश्व पटल पर मुद्दे को उठाना था। आरोपित जुगराज सिंह को विशेष रूप से लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के लिए लाया गया था, जो तरनतारन में गुरुद्वारों में झंडे फहराता था। पुलिस के अनुसार लाल किले पर पहुंचकर दीप सिद्धू और जुगराज सिंह समेत कई आरोपियों ने वहां पर मौजूद भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। आंदोलन को हिंसक बनाने के बाद वह वहां से फरार हो गया। पुलिस के मुताबिक, हिंसा के बाद सिंघु बॉर्डर के रास्ते वह सोनीपत पहुंचा। आखिरी बार उसे वहां एक ढाबे के पास देखा गया था, जहां उसके खिलाफ तिरंगे का अपमान करने को लेकर नारेबाजी भी हुई थी। आरोपित दीप सिद्धू ने खुलासा किया कि पिछले 13 दिनों के दौरान वह हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश समेत विभिन्न इलाकों में ठिकाने बदल-बदलकर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था। जहां भी वह जाता था, वहां पर पहले ही सूचना दे दी जाती थी और वहां रहने वाला उसका जानकार उसके रुकने का बंदोबस्त चुपचाप कर देता था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में दीप ने बताया कि करनाल के पास स्पेशल सेल द्वारा पकड़े जाने से पहले वह सड़क मार्ग से बिहार के पूर्णिया भागने की फिराक में था। करनाल के पास स्थित एक ढाबे के पास वह अपनी कार का इंतजार कर रहा था, जहां वह एक ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचा था। हालांकि इससे पहले उसकी कार वहां पहुंचती और वह फरार होने में कामयाब हो पाता, स्पेशल सेल की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि आरोपित दीप सिद्धू 26 जनवरी की हिंसा के बाद फरार हो गया था और फरारी के दौरान लगातार फेसबुक पर भड़काऊ वीडियो डाल रहा था। अपने वीडियो में उसने तब सनसनी मचा दी थी, जब उसने कहा था कि अगर वह गिरफ्तार हुआ तो वह किसान आंदोलन से जुड़े कई किसान नेताओं की सच्चाई की पोल खोल देगा। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी के बाद आंदोलन को लेकर कुछ सनसनीखेज खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि 26 जनवरी के बाद दीप का फेसबुक आकउंट 2 मोबाइल हैंडसेट से ऑपरेट किया जा रहा था। इसमें से एक दीप सिद्धू का था, जो बंद था, जबकि दूसरा विदेश में रहने वाली उसकी महिला मित्र अपने मोबाइल से चला रही थी। जांच के दौरान आईपी एड्रेस के माध्यम से उस मोबाइल का लोकेशन कैलिफोर्निया में पता चला। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दीप सिद्धू किसानों के प्रदर्शन का वीडियो बनाकर अमेरिका भेजता था, जहां से उसकी महिला मित्र वीडियो को उसके फेसबुक अकाउंट पर अपलोड कर देती थी।