जोधपुर, 24 दिसम्बर( पी 2 पी )।दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाला बहादुर मिग 27 दिसंबर को रिटायर हो रहा है।जोधपुर के वायुसेना के हवाई अड्डे पर उसे समारोहपूर्वक विदाई दी जायेगी। मिग -27 भारतीय वायुसेना में 1981 में शामिल हुआ था।
27 दिसम्बर को होने वाले समारोह में मिग-27 उड़ाने वाले वायुसेना के सभी वायुयोद्धा शामिल होंगे। फ्लाइट पास्ट में 8 मिग-27 विमान एक साथ उड़ान भरेंगे। अलग अलग फॉर्मेशन में उड़ान के बाद विक्ट्री फॉर्मेशन में अंतिम उड़ान होगी। लैंडिंग के समय इन विमानों को वाटर सेल्यूट दिया जाएगा। इसके बाद 29-स्क्वाड्रन कॉम्पलेक्स में मिग-27 से जुड़ी यादें साझा की जाएगी। मिग-27 (अपग्रेडेड) की एकमात्र स्क्वाड्रन स्कोर्पियन (29 स्क्वाड्रन) अभी जोधपुर एयरबेस पर ही है। साल की शुरुआत में मिग-27 की स्क्वाड्रन-10 रिटायर हुई थी। बहादुर की विदाई के बाद जोधपुर एयरबेस पर सिर्फ सुखोई-30 की स्क्वाड्रन रह जाएगी।
भारतीय वायुसेना में रूस निर्मित यह लड़ाकू विमान 1984 में शामिल हुआ था, लेकिन इसका असली इस्तेमाल 1999 में हुए भारत-पाकिस्तान के करगिल युद्ध में सामने आया। इस युद्ध में वायुसेना के ऑपरेशन सफेद सागर में मिग-27 ने दुर्गम पहाडिय़ों के बीच उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों, सामग्री डिपो व सप्लाई मार्ग को नेस्तनाबूद कर दिया।
शक्तिशाली इंजन से बना मिग :
शक्तिशाली इंजन ने मिग-27 को एक खास तरह का लड़ाकू विमान बनाया। इन विमानों में लगे ऑटोमेटिक फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम, अटैक इंडीकेटर्स और इन-बिल्ट लेजर गाइडेड सिस्टम के कारण बहादुर को दुनिया का सशक्त एयर टू ग्राउंड अटैक फाइटर जेट माना गया। ग्राउण्ड अटैक एयरक्राफ्ट मिग-27 को उड़ाने वाले फायटर पायलट अपने आपको शान से विंग स्विंगर्स कहते हैं।
भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाले मिग-21 लड़ाकू विमान की अभी भी करीब 6 स्क्वाड्रन पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात है जो इंटरसेप्ट करने के काम आती है, जबकि मिग-27 केवल 35 साल पुराना है फिर भी पहले रिटायर हो रहा है। मिग-27 के कलपुर्जे बहुत महंगे हैं। रूसी कंपनी महंगे दामों पर इनके कलपुर्जों की आपूर्ति करती थी। फिर मिग-27 विमान कम होने के कारण कम्पनी ने कलपुर्जों का उत्पादन भी कम कर दिया। ऐसे में रखरखाव भी भारी पडऩे लगा था। इसके अलावा ये पुराने भी जल्दी हो गए। भारतीय वायुसेना ने करीब 10 प्रतिशत मिग-27 विमान क्रेश में खो दिए।
27 दिसंबर को मिग27 जोधपुर में अपनी अंतिम उड़ान भरेगा।